RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

80682864

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पायनीयर अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर जारी निदेशों की अवधि 23 मार्च 2016 तक बढ़ाई

23 सितंबर 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पायनीयर अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
पर जारी निदेशों की अवधि 23 मार्च 2016 तक बढ़ाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने पायनीयर अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ पर जारी निदेशों को समीक्षा के अधीन 24 सितंबर 2015 से 23 मार्च 2016 तक और छह माह की अवधि के लिए बढ़ा दिया है। यह बैंक 24 मार्च 2015 से निदेशों के अधीन है।

निदेश के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित निदेशों के अलावा पायनीयर अर्बन को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्‍वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्‍वों की चुकौती से या अन्‍यथा से संबंधित क्‍यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्‍य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्‍येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्‍य जमा खाते के कुल शेष में से प्रत्‍येक जमाकर्ता को 1,000/- (रुपए एक हजार मात्र) की अधिकतम राशि, निदेश की संपूर्ण अवधि अर्थात 24 मार्च 2015 से 23 मार्च 2016 के दौरान एक ही अवसर पर आहरित करने की अनुमति दी जाएगी।

ये निदेश बैं‍ककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्‍छुक आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्‍त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/738

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?