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भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनाइटेड कमर्शियल कोआपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश पर जारी निदेशों की अवधि 28 फरवरी 2015 तक बढ़ाई

28 नवंबर 2014

भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनाइटेड कमर्शियल कोआपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश
पर जारी निदेशों की अवधि 28 फरवरी 2015 तक बढ़ाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनाइटेड कमर्शियल कोआपरेटिव बैंक लि., कानपुर, उत्तर प्रदेश पर जारी निदेशों को समीक्षा के अधीन 01 दिसंबर 2014 से 28 फरवरी 2015 तक आगे तीन माह की अवधि के लिए बढ़ा दिया है। यह बैंक 01 जून 2013 से निदेशों के अधीन है।

निदेश के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना एवं भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित निदेशों के अलावा यूनाइटेड कमर्शियल कोआपरेटिव बैंक लि., किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्‍वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्‍वों की चुकौती से या अन्‍यथा से संबंधित क्‍यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्‍य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्‍येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्‍य जमा खाते के कुल शेष में से प्रत्‍येक जमाकर्ता को 1,000/- (रुपये एक हज़ार मात्र) की अधिकतम राशि, निदेश की अवधि 01 जून 2013 से 28 फरवरी 2015 के दौरान एक ही अवसर पर आहरित करने की अनुमति दी जाएगी। ये निदेश इसके पहले दो अवसरों पर छह माह की अवधि के लिए बढ़ाए गए थे।

ये निदेश बैं‍ककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्‍छुक आम जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्‍त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्‍तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1107

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