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भारतीय रिज़र्व बैंक ने विठ्ठल नागरी सहकारी बैंक लि. लातूर, महाराष्ट्र पर जारी निदेशों की अवधि 14 मई 2015 तक बढ़ाई

26 नवंबर 2014

भारतीय रिज़र्व बैंक ने विठ्ठल नागरी सहकारी बैंक लि. लातूर, महाराष्ट्र
पर जारी निदेशों की अवधि 14 मई 2015 तक बढ़ाई

भारतीय रिज़र्व बैंक ने विठ्ठल नागरी सहकारी बैंक लि. लातूर, महाराष्ट्रपर कतिपय निदेश जारी किए हैं। ये निदेश 15 नवंबर 2014 से 14 मई 2015 तक आगे छह महीनों की अवधि के लिए समीक्षा के अधीन बैंक पर लागू रहेंगे। यह बैंक 15 नवंबर 2013 से निदेशों के अधीन है।

निदेश के अनुसार विठ्ठल नागरी सहकारी बैंक लि.भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्‍वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्‍वों की चुकौती से या अन्‍यथा से संबंधित क्‍यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्‍यवस्‍था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्‍य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्‍येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्‍य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्‍येक जमाकर्ता को 1,000/- (एक हज़ार रुपए मात्र) की अधिकतम राशि, निदेश की 15 नवंबर 2013 से 14 मई 2015 तक की अवधि के दौरान, एक ही अवसर पर आहरित करने की अनुमति दी जाएगी। ये निदेश इसके पहले एक अवसर पर छह महीनों की अवधि के लिए बढ़ाए गए थे।

ये निदेश बैं‍ककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्‍छुक जन सदस्‍यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्‍त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्‍तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1080

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