भारतीय रिज़र्व बैंक ने बारानगर को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बारानगर, कोलकाता पर जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बारानगर को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बारानगर, कोलकाता पर जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई
28 अक्टूबर 2014 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बारानगर को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बारानगर, कोलकाता भारतीय रिज़र्व बैंक ने बारानगर को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बारानगर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल पर जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई। यह निदेश 30 अक्टूबर 2014 से आगे तीन माह की अवधि तक अर्थात 29 जनवरी 2015 तक समीक्षा के अधीन जारी रहेंगे। इससे पहले रिज़र्व बैंक ने काफी संकटपूर्ण वित्तीय स्थिति के कारण बैंक को 30 जुलाई 2013 को छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा था और बाद में दो अवसरों पर उसकी वैधता 29 अक्टूबर 2014 तक बढ़ाई गई। रिज़र्व बैंक के निदेशानुसार बारानगर को-आपरेटिव बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। विशेषत: भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 1,000/- (एक हज़ार रुपए मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं । निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। फिर भी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/862 |