भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल पर जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल पर जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई
18 नवंबर 2014 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल पर कतिपय निदेश जारी किए हैं। ये निदेश 01 नवंबर 2014 से 30 अप्रैल 2015 तक आगे के छ: महीनों की अवधि के लिए समीक्षा के अधीन बैंक पर लागू रहेंगे। रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुसार 31 अक्तूबर 2012 को कारोबार की समाप्ति से दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के 29 अक्तूबर 2012 में अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। विशेष रूप से यह बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 1,000/- (एक हज़ार रुपए मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दे सकता है। यह निदेश 01 मई 2013 से 31 अक्तूबर 2013 तक छ: महीनों की अवधि के लिए बढ़ाया गया तथा पुन: 01 नवंबर 2013 से 30 अप्रैल 2014 तथा 01 मई 2014 से 31 अक्तूबर 2014 तक इसकी अवधि बढ़ायी गयी। ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों पर यथालागू) की धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं । निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1010 |