भारतीय रिज़र्व बैंक ने आडीबीआइ लिमिटेड पर अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंडों का उल्लंघन करने और प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम के वित्त का दुरुपयोग के लिए दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आडीबीआइ लिमिटेड पर अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंडों का उल्लंघन करने और प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम के वित्त का दुरुपयोग के लिए दंड लगाया
21 अगस्त 2006
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आडीबीआइ लिमिटेड पर अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंडों का उल्लंघन करने और प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम के वित्त का दुरुपयोग के लिए दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 47 क(1)(ख) के उपबंधों के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए आइडीबीआइ लिमिटेड पर संयुक्त खातों सहित खाता खोलने विषयक अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंडों से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक के मार्गदर्शी सिद्धांतों के उल्लंघन तथा प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम के वित्तपोषण से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक के मौजूदा मार्गदर्शी सिद्धांतों के उल्लंघन के लिए 5 लाख रुपये का मौद्रिक दंड लगाया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसके प्रत्युत्तर में बैंक ने अपना लिखित उत्तर प्रस्तुत किया था। बैंक के अध्यक्ष और प्रबंधन निदेशक (सीएमडी) ने भारतीय रिज़र्व बैंक से व्यक्तिगत सुनवाई की मांग की, जो मंजूर की गयी। बैंक के उत्तर , मौखिक और लिखित दोनों, की सावधानीपूर्वक जांच के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निर्णायक निर्णय पर पहुंचा कि उल्लंघन साबित हुए हैं और तदनुसार मौद्रिक दंड लगाया गया है।
स्मरण रहे कि अक्तूबर 2004 में बैंकों की पारदर्शिता में सुधार लाने के उपायों के एक अंग के रूप में रिज़र्व बैंक ने अपना निर्णय घोषित किया था कि वह बैंक को सूचित करने और उनसे स्पष्टीकरण मांगने और साथ ही बैंक को अपनी सफाई देने का उचित अवसर देने की उचित प्रक्रिया अपनाने के बाद बैंकों पर लगाए गये दंडों से संबंधित जानकारी पब्लिक डोमेन पर प्रकट करेगा।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-07/256