भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपना सहकारी बैंक लि., मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपना सहकारी बैंक लि., मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया
24 सितंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपना सहकारी बैंक लि., मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 23 सितंबर 2021 के आदेश द्वारा अपना सहकारी बैंक लि., मुंबई (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले (आईआरएसी मानदंड)', 'जमाराशि पर ब्याज दर' और 'जमा खातों का रखरखाव' संबंधी निदेशों का अनुपालन न करने के लिए ₹79.00 लाख (उन्नासी लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा किए गए उसके सांविधिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ साथ यह पता चला कि बैंक ने एनपीए वर्गीकरण, दावों का निपटान करते समय मृतक व्यक्तिगत जमाकर्ताओं या एकल स्वामित्व वाली संस्थाओं के चालू खातों में पड़ी जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान और न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने के लिए बचत बैंक खातों में दंडात्मक शुल्क लगाना संबंधी आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई निदेश के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और उपरोक्त निदेशों का अनुपालन न करने की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/926 |