भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऐप्टुस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऐप्टुस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 20 जनवरी 2025 के आदेश द्वारा ऐप्टुस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई (कंपनी) पर अभिशासन मुद्दों' से संबंधित भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹3.10 लाख (तीन लाख दस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। निदेशक की नियुक्ति की सूचना से संबंधित पत्राचार से अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का भी पता चला। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: कंपनी, प्रबंधन में परिवर्तन करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से से पूर्व लिखित अनुमति लेने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर इसके 30 प्रतिशत से अधिक निदेशक बदल गए। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2057 |