भारतीय रिज़र्व बैंक ने अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
2 दिसंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 नवंबर 2022 के आदेश द्वारा अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘विवेकपूर्ण मानदंडों का सुदृढ़ीकरण – आस्ति वर्गीकरण और एक्सपोजर सीमा का प्रावधानीकरण’ तथा ‘क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक- आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड- अनर्जक आस्तियां (एनपीए)’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹42.00 लाख (बयालीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 51(1) के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और निरीक्षण रिपोर्टों तथा उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंक (i) एकल निवेश के लिए एक्सपोजर सीमाओं का पालन न करने और (ii) आईआरएसी मानदंडों के अनुसार कतिपय मीयादी ऋणों और ऋण सुविधाओं को गैर-निष्पादित आस्तियों के रूप में वर्गीकृत न करने की सीमा तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और बैंक द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और ऐसे निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1299 |