भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
16 नवंबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा एक्सिस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016', 'ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध', 'जोखिम प्रबंधन पर दिशानिर्देश और बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में आचार संहिता' तथा 'चालू खाते खोलने और परिचालन के लिए आचार संहिता' संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹90.92 लाख (नब्बे लाख और बानवे हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक खाते से संबंधित एक संवीक्षा भी की गई। आईएसई 2022 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/ निरीक्षण रिपोर्ट, संवीक्षा रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक (i) कतिपय मामलों में ग्राहकों की पहचान और उनके पते से संबंधित रिकॉर्ड संरक्षित करने में विफल रहा, (ii) कतिपय ग्राहकों को लगातार कॉल किए, (iii) कतिपय दोषी उधारकर्ताओं के साथ वसूली एजेंटों का उचित व्यवहार सुनिश्चित करने में विफल रहा और (iv) कतिपय ग्राहकों को वसूली एजेंटों द्वारा की गई कॉल की सामग्री/ पाठ की टेप रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करने में विफल रहा और (v) चालू खाते खोलते समय ग्राहक से घोषणाएं प्राप्त नहीं कीं। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अननुपालन का उपर्यक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1304 |