भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
23 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने दिनांक 22 जून 2023 के आदेश द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘ऋण और अग्रिम- सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ पर जारी कतिपय निदेशों तथा 'एटीएम में मैन इन द मिडल (एमआईटीएम) अटैक’ पर जारी परामर्शी के अननुपालन के लिए ₹1.45 करोड़ (एक करोड़ पैंतालीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2021) किया गया था। आईएसई 2021 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट / निरीक्षण रिपोर्ट, परामर्शी पर बैंक की अनुपालन स्थिति, और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि (1) बैंक ने (i) कुछ परियोजनाओं के लिए परिकल्पित बजटीय संसाधनों के बदले में या एवज़ में; (ii) यह सुनिश्चित करने के लिए कि परियोजनाओं की राजस्व धाराएं ऋण चुकौती दायित्वों के लिए पर्याप्त है, परियोजनाओं की व्यवहार्यता और पूंजी निर्माण संबंधी समुचित जांच किए बिना और (iii) जिसका पुनर्भुगतान/ चुकौती बजटीय संसाधनों से की गई थी, एक निगम को मीयादी ऋण स्वीकृत किया और (2) निर्धारित समय-सीमा के भीतर एटीएम टर्मिनल/ पीसी और एटीएम स्विच के बीच संचार के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से संबंधित एटीएम के लिए आवश्यक नियंत्रण उपायों को लागू करने में विफल रहने की सीमा तक उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया है। उक्त के आधार पर, बैंक को दो नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिसों पर बैंक के उत्तरों, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जाँच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और इन निदेशों के अननुपालन की सीमा तक बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/455 |