भारतीय रिज़र्व बैंक ने बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया
03 सितंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बॉम्बे मर्केंटाइल भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 02 सितंबर 2021 के आदेश द्वारा बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी (सहकारी बैंक - जमाराशियों पर ब्याज दर) निदेश, 2016 में निहित आरबीआई द्वारा जारी निदेशों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत आरबीआई द्वारा जारी 05 मार्च 2018 और 11 अप्रैल 2018 के विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹50.00 लाख (पचास लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने तुलनीय घरेलू रुपया सावधि जमाराशियों पर एनआरई जमाराशियों की तुलना में अधिक ब्याज दरों की पेशकश की थी और असुरक्षित अग्रिमों को मंजूरी दी थी, जिसके परिणामस्वरूप आरबीआई द्वारा जारी पूर्वोक्त निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया था। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/805 |