भारतीय रिज़र्व बैंक ने डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
20 मई 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने, दिनांक 19 मई 2021 के आदेश द्वारा डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे (कंपनी), महाराष्ट्र पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘रिज़र्व बैंक वाणिज्यिक पत्र निदेश 2017’ तथा 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016' में निहित निदेशों के कतिपय प्रावधानों अननुपालन के लिए ₹10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशो के अनुपालन में कंपनी की विफलता को ध्यान में रखते हुए रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58(बी) की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58(जी) की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की वित्तीय स्थिति के संदर्भ किए गए सांविधिक निरीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर और वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने तथा उनके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण के परीक्षण के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेश के अननुपालन उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/248 |