भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुपौल, बिहार पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुपौल, बिहार पर मौद्रिक दंड लगाया
25 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुपौल, बिहार पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 19 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सुपौल (बैंक) पर 'भारतीय रिज़र्व बैंक - (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47- ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक, खातों के जोखिम वर्गीकरण की समय-समय पर समीक्षा के लिए प्रणाली स्थापित करने में विफल रहा। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1177 |