भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडरल बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडरल बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
08 जुलाई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने फेडरल बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 7 जुलाई 2022 के आदेश द्वारा फेडरल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'भारतीय रिज़र्व बैंक (बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाएं) निदेश, 2016' के प्रावधानों का अननुपालन करने के लिए ₹5.72 करोड़ (पांच करोड़ और बहत्तर लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए आरबीआई द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण (आईएसई) और बाद में आरबीआई द्वारा किया गया पर्यवेक्षी मूल्यांकन तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, जांच रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचारों की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि, बैंक यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि बीमा कंपनी द्वारा बीमा ब्रोकिंग/कॉर्पोरेट एजेंसी सेवाओं में लगे अपने कर्मचारियों को कोई प्रोत्साहन (नकद या गैर-नकद) का भुगतान नहीं किया गया है और इस सीमा तक उपरोक्त आरबीआई निदेशों का अननुपालन हुआ है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उपरोक्त निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और इन निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/503 |