भारतीय रिज़र्व बैंक ने जीपीटी सन्स प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जीपीटी सन्स प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 नवंबर 2024 के आदेश द्वारा जीपीटी सन्स प्राइवेट लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम) की धारा 45आईसी के प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹25,000/- (पच्चीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह आरबीआई अधिनियम की धारा 58 बी(6) के साथ पठित धारा 58 जी (1) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के चुनिंदा कार्यक्षेत्र का निरीक्षण किया गया। अन्य बातों के साथ-साथ आरबीआई अधिनियम के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। कंपनी वित्तीय वर्ष 2011-12, 2012-13, 2017-18 और 2020-2021 के लिए अपने निवल लाभ का 20%, यहां तक कि 31 मार्च 2023 तक, सांविधिक आरक्षित निधि में स्थानांतरित करने में विफल रही।
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1575 |