भारतीय रिज़र्व बैंक ने गुना नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गुना नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा गुना नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, गुना, मध्य प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र ऋण (पीएसएल) - लक्ष्य और वर्गीकरण' संबंधी निदेशों तथा पीएसएल की लक्ष्य प्राप्ति में कमी के कारण सूक्ष्म और लघु उद्यम (एमएसई) पुनर्वित्त निधि में योगदान करने संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने विशिष्ट निदेश के माध्यम से बैंक को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पीएसएल लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के एवज में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा प्रशासित एमएसई पुनर्वित्त निधि में एक नियत राशि जमा करने का निदेश दिया था। निर्धारित राशि जमा न करने पर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को निर्धारित राशि जमा करने संबंधी सूचना देते हुए एक चेतावनी पत्र जारी किया गया था, लेकिन बैंक इसे जमा करने में विफल रहा। उपर्युक्त अननुपालन और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को नोटिस जारी किए गए जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1741 |