भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
21 सितंबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम' संबंधी निदेशों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹11.00 लाख (ग्यारह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराएँ 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) अपने निदेशक और उनके रिश्तेदारों को ऋण/अग्रिम मंजूर की थी और (ii) एसएएफ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों का उल्लंघन करते हुए लागू नियमितता सीमा के 50% से अधिक एकल उधारकर्ताओं को नए ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए थे और जमा पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी गई ब्याज दरों से अधिक की ब्याज दर दी थी। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (श्वेता शर्मा) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/955 |