भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया
17 मार्च 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2023 के आदेश द्वारा, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 13 अगस्त 2019 की ‘आवास वित्त कंपनी (एचएफसी) के विनियमन का भारतीय रिज़र्व बैंक के पास अंतरण’ संबंधी प्रेस प्रकाशनी के साथ पठित राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) द्वारा जारी 'आवास वित्त कंपनी (एनएचबी) निदेश, 2010' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 49 की उप-धारा (3) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 52ए की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का सांविधिक निरीक्षण एनएचबी द्वारा किया गया तथा निरीक्षण रिपोर्ट, पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि कंपनी 2019-20 की अवधि के दौरान कतिपय जमाकर्ताओं की परिपक्व जमाराशि को ऐसे जमाकर्ताओं के नामित बैंक खातों में अंतरित करने में विफल रही। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त सांविधिक निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और कंपनी पर निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1879 |