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भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंदापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया

 

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा इंदापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश', 'जमा खातों का रखरखाव - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक', तथा 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले - यूसीबी' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोज़र सीमा का पालन नहीं किया, (ii) बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि के रखरखाव में कमी के लिए कमी की सीमा के अनुपात में दंडात्मक प्रभार लगाने के बजाय नियत दंडात्मक प्रभार लगाया; और (iii) कतिपय खातों को अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गईं मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1482

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