भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडियन ओवेरसीज़ बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने दिनांक 29 सितंबर 2025 के आदेश द्वारा इंडियन ओवेरसीज़ बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार(पीएसएल)- लक्ष्य और वर्गीकरण’ के अंतर्गत जारी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹31.80 लाख (इकतीस लाख अस्सी हज़ार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। नोटिस पर बैंक के उत्तर, उनके द्वारा की गयी अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: बैंक ने कतिपय पीएसएल खातों से ऋण से संबंधित शुल्क की वसूली की , जिनमें प्रत्येक में स्वीकृत ऋण राशि ₹25,000/- तक थी। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1211 |
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