भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंदौर प्रिमियर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, इंदौर, मध्यप्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंदौर प्रिमियर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, इंदौर, मध्यप्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
12 दिसंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंदौर प्रिमियर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, इंदौर, मध्यप्रदेश भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 दिसंबर 2022 के आदेश द्वारा इंदौर प्रिमियर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, इंदौर, मध्यप्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 19 के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, जारी किए गए उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि जब बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जिसमें वह सीमा और शर्तें निर्धारित की गई है, जिसके अंतर्गत सहकारी बैंकों को किसी अन्य सहकारी समिति में शेयर रखने की अनुमति दी गई है, का अनुपालन नहीं किया, उस स्थिति में बैंक ने अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 19 के प्रावधानों का उल्लंघन किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और इसके बाद किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि प्रावधानों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1348 |