भारतीय रिज़र्व बैंक ने जना समॉल फ़ायनान्स बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जना समॉल फ़ायनान्स बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 7 मई 2025 के आदेश द्वारा जना समॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 12बी(5) के प्रावधान के उल्लंघन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। बैंक ने कतिपय व्यक्तियों को अनिवार्य परिवर्तनीय अधिमान शेयर (सीसीपीएस) जारी/ आवंटित करके चुकता शेयर पूंजी जुटाई थी। इसकी जांच बीआर अधिनियम की धारा 12बी(5) के अंतर्गत आवश्यकता की तुलना में की गई तथा बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि सांविधिक प्रावधान के अनुपालन में विफलता हेतु उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: बैंक ने कतिपय व्यक्तियों को सीसीपीएस जारी/ आबंटित किए, जिसके साथ उनके द्वारा धारित इक्विटी शेयर पूंजी को मिलाकर, ऐसे व्यक्तियों के पास बैंक की चुकता शेयर पूंजी के अनुमत प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हो गई। यह सुनिश्चित नहीं किया गया कि ऐसे व्यक्तियों ने बीआर अधिनियम की धारा 12बी(1) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त कर लिया है। यह कार्रवाई सांविधिक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/302 |