भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे पर मौद्रिक दंड लगाया
11 अक्तूबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 7 अक्टूबर 2021 के आदेश द्वारा जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे (बैंक) पर आरबीआई द्वारा पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के तहत जारी 06 मार्च 2018 के विशिष्ट निदेशों और 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' पर आरबीआई के निदेशों का अननुपालन करने के लिए ₹30.00 लाख (तीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर रिज़र्व बैंक द्वारा सांविधिक निरीक्षण किया गया, उससे निरीक्षण रिपोर्ट से, और सभी संबंधित पत्राचार की जांच करने पर, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने संवेदनशील क्षेत्रों (स्थावर संपदा) में एक्सपोजर और धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर निदेशों का पालन नहीं किया था। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के लिखित उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और इसके बाद अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और उक्त निदेशों का पालन न करने की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2021-2022/1019 |