भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स मुथूट्टु मिनी फाइनैन्सियर्स प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स मुथूट्टु मिनी फाइनैन्सियर्स प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
24 जुलाई 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स मुथूट्टु मिनी फाइनैन्सियर्स प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स मुथूट्टु मिनी फाइनैन्सियर्स प्राइवेट लिमिटेड (द कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए जाने वाले विभिन्न निदेशों/आदेशों के उल्लंघन हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा 5(एए) के साथ पठित धारा 58जी(1)(बी) के अंतर्गत ₹ 5 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है। पृष्ठभूमि भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45एन के अंतर्गत 31 मार्च 2013 की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण दिसंबर 2013 के दौरान किया गया। यह पाया गया कि कंपनी ने सोने की गिरवी पर दिए गए ऋणों के परिप्रेक्ष्य में मूल्य की तुलना में ऋण (एलटीवी) अनुपात, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) के निर्गम और नवीकरण, एनसीडी पर दिए गए ऋणों, उचित व्यवहार संहिता (एफपीसी) के अनुपालन, तुलन-पत्र में प्रकटीकरण आदि से संबंधित दिशानिर्देशों के संदर्भ में कई विनियामक उल्लंघन किए हैं। उक्त निरीक्षण में दर्शाए गए आरबीआई निदेशों के विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों के मद्देनज़र कंपनी को 25 जुलाई 2014 को दंड लगाए जाने के संबंध में ‘कारण बताओ नोटिस’ (एससीएन) जारी किया गया था। इस ‘कारण बताओ नोटिस’ के लिए कंपनी द्वारा दिया गया उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58जी (2) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के लिए वैयक्तिक सुनवाई आयोजित की गई। उक्त मामले के तथ्यों, कंपनी के उत्तर और सुनवाई के दौरान वैयक्तिक रूप से प्रस्तुत की गई दलीलों आदि पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि निरीक्षण के दौरान पाए गए उल्लंघन गंभीर स्वरूप के हैं और इस कारण से उक्त कंपनी पर मौद्रिक दंड लगाना ज़रूरी है। तदनुसार, उक्त कंपनी पर ₹5 लाख का दंड लगाया गया है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/220 |