भारतीय रिज़र्व बैंक ने मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, मर्यादित, भोपाल, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, मर्यादित, भोपाल, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
13 अगस्त 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, मर्यादित, भोपाल, मध्य प्रदेश पर मौद्रिक दंड भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 12 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, मर्यादित, भोपाल, मध्य प्रदेश (बैंक) पर नाबार्ड द्वारा जारी "धोखाधड़ी की समीक्षा - निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली संबंधी दिशानिर्देश" में निहित विनियामक निदेशों के अननुपालन के लिए ₹25 लाख (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट (आईआर) तथा धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग संबंधी सभी संबंधित पत्राचारों के परीक्षण से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में नाबार्ड द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि अधिनियम के प्रावधानों/ नाबार्ड द्वारा जारी निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान बैंक द्वारा किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण तथा उसके बाद भेजे गए लिखित प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/697 |