भारतीय रिज़र्व बैंक ने मर्सिडीज-बेंज फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पूर्ववर्ती डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड), पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मर्सिडीज-बेंज फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पूर्ववर्ती डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड), पुणे, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
3 नवंबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने मर्सिडीज-बेंज फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पूर्ववर्ती डेमलर भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 अक्तूबर 2023 के आदेश द्वारा मर्सिडीज-बेंज फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पूर्ववर्ती डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड), पुणे, महाराष्ट्र (कंपनी) पर ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी)) निदेश, 2016' के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उपधारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उपधारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए कंपनी के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट, पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि कंपनी अपने ग्राहकों की निरंतर समुचित सावधानी बरतने में विफल रही, जब उसने 31 मार्च 2021 तक अपने उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के केवाईसी का आवधिक अद्यतनीकरण नहीं किया। परिणामस्वरूप, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1234 |