भारतीय रिज़र्व बैंक ने नैबफिन्स लिमिटेड, बेंगलुरु पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नैबफिन्स लिमिटेड, बेंगलुरु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा नैबफिन्स लिमिटेड, बेंगलुरु (कंपनी), नाबार्ड की एक सहायक कंपनी, पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹10 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उपधारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उपधारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि अपने ग्राहकों को कंपनी द्वारा वित्तपोषित आस्तियों के संबंध में केवल एक विशेष बीमा कंपनी के पास जाने के लिए बाध्य करने के प्रतिबंधात्मक व्यवहार को अपनाने से संबंधित आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/142 |