भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (सी.जी) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (सी.जी) पर मौद्रिक दंड लगाया
2 मई 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर (सी.जी) पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 25 अप्रैल 2023 के आदेश द्वारा, नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर, छत्तीसगढ़ (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 36(1) के संदर्भ में पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक को जारी विशिष्ट निदेशों, भारतीय रिज़र्व बैंक के एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- यूसीबी और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹4.50 लाख (चार लाख पचास हजार रुपए मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) परिचालन निर्देशों के उल्लंघन में ऋण और अग्रिम स्वीकृत किए, (ii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) एक्सपोज़र सीमा का पालन नहीं किया, (iii) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक एकल प्रतिपक्षकार सीमा का अनुपालन नहीं किया, और (iv) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन में ग्राहकों का जोखिम वर्गीकरण पूर्ण नहीं किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और उसके बाद की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/163 |