भारतीय रिज़र्व बैंक ने निडो होम फाइनेंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने निडो होम फाइनेंस लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा निडो होम फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को बैंकों और एनबीएफसी द्वारा सह-उधार' संबंधी निदेश के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹5,00,000/- (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 की धारा 52ए के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा कंपनी का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर अधिकतम दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने तथा इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। कंपनी यह सुनिश्चित करने में विफल रही कि (i) उधारकर्ताओं के साथ ऋण करारों में सह-उधार व्यवस्था की विशेषताएं तथा कंपनी और सह-उधारकर्ता बैंक की भूमिकाएं और जिम्मेदारियां स्पष्ट रूप से शामिल हों और (ii) व्यवस्था के सभी विवरण ग्राहकों को पहले ही प्रकट किए गए हों और उनकी स्पष्ट सहमति ली गई हो। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/881 |