भारतीय रिज़र्व बैंक ने ओशियन कैपिटल मार्केट लिमिटेड, राउरकेला, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ओशियन कैपिटल मार्केट लिमिटेड, राउरकेला, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा ओशियन कैपिटल मार्केट लिमिटेड, राउरकेला, ओडिशा (कंपनी) पर "गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण गैर-जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के कतिपय प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी को एक्सबीआरएल प्लैटफ़ॉर्म पर विवरणी प्रस्तुत करने संबंधी जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹16 लाख (सोलह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58 बी की उपधारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58 जी की उपधारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 को कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए कंपनी के सांविधिक निरीक्षण, तथा पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि कंपनी ने (i) एक्सबीआरएल प्लेटफॉर्म पर कई विवरणियाँ प्रस्तुत करने में विलंब किया, (ii) एकल उधारकर्ताओं और उधारकर्ताओं के एकल समूह के संबंध में ऋण/ निवेश पर एक्सपोजर सीमा का उल्लंघन किया और (iii) बोर्ड की विभिन्न समितियों का गठन नहीं किया। परिणामस्वरूप, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दया) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1941 |