भारतीय रिज़र्व बैंक ने फीनिक्स एआरसी प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने फीनिक्स एआरसी प्राइवेट लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 मार्च 2025 के आदेश द्वारा फीनिक्स एआरसी प्राइवेट लिमिटेड (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'उधारकर्ता द्वारा देय बकाया राशि का निपटान' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹52.70 लाख (बावन लाख सत्तर हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 की धारा 30ए की उप-धारा (1) के साथ पठित धारा 12 के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2023 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर कंपनी के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि कंपनी के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: कंपनी ने अपने निदेशक मंडल की पूर्व स्वीकृति, जोकि 'उधारकर्ता द्वारा देय बकाया राशि का निपटान’ संबंधी निदेशों के तहत आवश्यक है, के बिना ही कतिपय उधारकर्ताओं के बकाये का निपटान कर दिया, जिनकी कुल बकाया मूल राशि ₹1 करोड़ से अधिक थी। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/2502 |