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भारतीय रिज़र्व बैंक ने पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 फरवरी 2024 के आदेश द्वारा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नई दिल्ली (कंपनी) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और मूल निवेश कंपनियों के लिए चलनिधि जोखिम प्रबंधन ढांचा' संबंधी निदेशों के कतिपय प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹8.80 लाख (आठ लाख अस्सी हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम) की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2022 तक कंपनी की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसका सांविधिक निरीक्षण किया गया और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट, पर्यवेक्षी पत्र और उससे संबंधित सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि कंपनी ने 31 मार्च 2022 तक की स्थिति के अनुसार चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर) की गणना के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तरल आस्ति (एचक्यूएलए) के रूप में अपात्र आस्तियों को शामिल करने के परिणामस्वरूप 60% का निर्धारित एलसीआर को बनाए नहीं रखा था। परिणामस्वरूप, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के उत्तर पर विचार करने, इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों की जांच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1812

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