भारतीय रिज़र्व बैंक ने पंजाब एण्ड सिंध बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पंजाब एण्ड सिंध बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
25 सितंबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने पंजाब एण्ड सिंध बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा पंजाब एण्ड सिंध बैंक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि योजना, 2014 -'बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए- परिचालन संबंधी दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के साथ पठित 'बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 26ए की उप-धारा (2) के प्रावधानों के अननुपालन के लिए ₹1.00 करोड़ (एक करोड़ रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 51(1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई 2021) हेतु सांविधिक निरीक्षण किया गया। आईएसई 2021 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/ निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, बैंक द्वारा बीआर अधिनियम के उपरोक्त प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के इस सीमा तक अननुपालन का पता चला कि वह बीआर अधिनियम की धारा 26ए के अंतर्गत निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में पात्र राशि जमा करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बीआर अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल)
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/983