भारतीय रिज़र्व बैंक ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 अप्रैल 2024 के आदेश द्वारा राजकोट नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, राजकोट (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक के 'निदेशकों और उनके रिश्तेदारों और फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिमों पर प्रतिबंध', 'कतिपय निकायों/ संगठनों के नाम पर बचत बैंक खाते खोलने पर प्रतिबंध' और ‘जमा खातों का रखरखाव' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹43.30 लाख (तैंतालीस लाख और तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक ने (i) उन फर्मों/ संस्थाओं को कतिपय ऋण स्वीकृत किए जिनमें बैंक के निदेशकों के निदेशक/ न्यासी के रूप में हित थे, (ii) कतिपय अयोग्य संस्थाओं के बचत जमा खाते खोले, और (iii) कतिपय निष्क्रिय खातों में न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने पर दंडात्मक प्रभार लगाया।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/128 |