भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरबीएल बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
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13 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आरबीएल बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 28 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा आरबीएल बैंक लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक (निजी क्षेत्र के बैंकों में शेयरों या वोटिंग अधिकारों के अधिग्रहण के लिए पूर्व अनुमोदन) निदेश, 2015 के कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹64 लाख (चौसठ लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के पर्यवेक्षी मूल्यांकन (आईएसई 2020) हेतु सांविधिक निरीक्षण किया गया, और आईएसई 2020 से संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट/ निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक द्वारा (i) 31 मार्च 2018, 31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 को समाप्त होने वाले तीन वित्तीय वर्षों के समापन के एक महीने के भीतर अपने प्रमुख शेयरधारकों में से एक से फॉर्म बी में वार्षिक घोषणा प्राप्त करने में विफलता, और (ii) उक्त तीन वित्तीय वर्षों के सितंबर के अंत तक अपने प्रमुख शेयरधारकों में से एक की 'फिट और उचित' स्थिति को जारी रखने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफलता की की सीमा तक उपरोक्त निदेशों का अननुपालन किया गया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1107 |
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