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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, हिम्मतनगर, जिला, साबरकांठा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India

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भारतीय रिज़र्व बैंक ने सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, हिम्मतनगर, जिला, साबरकांठा, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 11 जुलाई 2025 के आदेश द्वारा सर्वोदय नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, हिम्मतनगर, जिला, साबरकांठा, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा - एक क्रमबद्ध दृष्टिकोण’ और ‘प्राधिकृत भुगतान प्रणालियों का उपयोग करके विफल लेनदेन के लिए टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) और ग्राहक क्षतिपूर्ति का सामंजस्य’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख  रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) तथा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 26(6) के साथ पठित धारा  30(1) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2024 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है:  

बैंक:

  1. निर्धारित आवधिकता के अनुसार अपने इंटरनेट फेसिंग मोबाइल एप्लिकेशन का भेद्यता मूल्यांकन (वीए) और प्रवेश परीक्षण (पीटी) आयोजित करने; और
  2.  कतिपय असफल आईएमपीएस और यूपीआई लेनदेन, जो निर्धारित समय- सीमा के भीतर स्वतःवापस नहीं किए गए थे, के लिए क्षतिपूर्ति प्रदान करने में विफल रहा।

    

यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।       

 

 

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/732

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