भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 8 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड, नागपुर (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी एकल और समूह उधारकर्ताओं के लिए एक्स्पोज़र सीमा संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹25,00,000/- (पच्चीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। अन्य बातों के साथ-साथ, भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि उधारकर्ताओं के दो समूहों की ऋण सुविधाओं को निर्धारित विवेकपूर्ण एक्स्पोज़र सीमा से अधिक नवीकृत करने का आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमी पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/953 |