भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिक्षक सहकारी बैंक लि. नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिक्षक सहकारी बैंक लि. नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया
8 सितंबर 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने शिक्षक सहकारी बैंक लि. नागपुर पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने, दिनांक 8 सितंबर 2021 के आदेश द्वारा शिक्षक सहकारी बैंक लि. नागपुर (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी “ऋण सूचना कंपनी (सीआईसी) की सदस्यता” और ऋण सूचना कंपनी नियम, 2006 (सीआईसी नियम) के प्रावधानों से संबंधित निदेश में निहित विनियामक निदेशों का अनुपालन न करने के लिए ₹40,000 (चालीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड ऋण सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 (सीआईसी अधिनियम) की धारा 23 की उप धारा (4) के साथ पठित धारा 25 की उप-धारा (1) के खंड (iii) के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण और उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ- साथ यह पता चला कि आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों तथा ऋण सूचना कंपनियों को आंकड़ों की रिपोर्टिंग करने संबंधी सीआईसी नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है तथा आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए उचित एवं आवश्यक कदम उठाने में विफल रहा है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि सांविधिक निदेशों और सीआईसी नियमों के प्रावधानों, जैसा की उसमें उल्लिखित है, का उल्लंघन करने के लिए उन पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई में किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और उपर्युक्त निदेशों तथा सीआईसी नियमों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/830 |