भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री बोटाद मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बोटाद (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री बोटाद मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बोटाद (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया
26 सितंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री बोटाद मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बोटाद (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 22 सितंबर 2022 के आदेश द्वारा श्री बोटाद मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बोटाद (गुजरात) (बैंक) पर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों आदि को ऋण एवं अग्रिम- प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक-स्पष्टीकरण’ संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹25,000 (पच्चीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर किए गए इसके निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक ने ऐसे व्यक्तियों को ऋण सुविधा की मंजूरी दी थी जिनमें बैंक के एक निदेशक के रिश्तेदार गारंटीकर्ता थे, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/944 |