भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया
20 फरवरी 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक (महाराष्ट्र) भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 14 फरवरी 2023 के आदेश द्वारा, श्री समर्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी एक्सपोजर मानदंडों और सांविधिक/अन्य प्रतिबंधों-यूसीबी और निदेशक मंडल-यूसीबी संबंधी निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के उल्लंघन/अननुपालन में एक निदेशक के रिश्तेदार को दिए गए ऋण का नवीनीकरण किया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1754 |