भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री छत्रपति राजर्षि शाहू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बीड (एम.एच.) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री छत्रपति राजर्षि शाहू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बीड (एम.एच.) पर मौद्रिक दंड लगाया
18 जुलाई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री छत्रपति राजर्षि शाहू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 15 जुलाई 2022 के आदेश द्वारा श्री छत्रपति राजर्षि शाहू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बीड (एम.एच.) (बैंक) पर आरबीआई द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छः लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, आरबीआई द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि बैंक ने आरबीआई द्वारा जारी धोखाधड़ी - वर्गीकरण और रिपोर्टिंग संबंधी निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन करते हुए आरबीआई को धोखाधड़ियों की रिपोर्टिंग करने में विलंब की है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों और बैंक द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/551 |