भारतीय रिज़र्व बैंक ने सोलापुर जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सोलापुर जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 मार्च 2024 के आदेश द्वारा सोलापुर जनता सहकारी बैंक लिमिटेड, सोलापुर (बैंक) पर 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों में प्रबंधन बोर्ड के गठन' संबंधी भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के कतिपय प्रावधानों और पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत जारी निषेधात्मक आदेश/ निदेश के अननुपालन के लिए ₹28.30 लाख (अट्ठाईस लाख तीस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का सांविधिक निरीक्षण भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया। अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/ निषेधात्मक आदेश के अननुपालन और इससे संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: (i) बैंक ने अपने प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) में एक सदस्य नियुक्त किया, जो 'योग्य और उचित' मानदंडों को पूरा नहीं करता था और बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विशिष्ट निदेश के बावजूद निर्दिष्ट समय के भीतर बीओएम का पुनर्गठन नहीं किया। (ii) बैंक ने एसएएफ के अंतर्गत जारी निषेधात्मक आदेश/ निदेश का उल्लंघन किया, जब उसने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 100% से अधिक जोखिम भार वाले नए ऋण स्वीकृत किए। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/2118 |