भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलुरु पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलुरु पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 दिसंबर 2024 के आदेश द्वारा दि भारत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलुरु (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ‘पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा (एसएएफ़)’ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों तथा उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: बैंक ने एसएएफ के अंतर्गत जारी निदेशों का पालन न करते हुए नए ऋण और अग्रिम मंजूर किए थे, जोकि (क) लागू एकल उधारकर्ता एक्सपोजर सीमा से अधिक थे; और (ख) मियादी जमा / एनएससी / केवीपी / बीमा पॉलिसियों की संपार्श्विक प्रतिभूति द्वारा समर्थित नहीं थे। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1788 |