भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि चिपलून अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, चिपलून, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि चिपलून अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, चिपलून, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
17 अगस्त 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि चिपलून अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, चिपलून, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 अगस्त 2023 के आदेश द्वारा दि चिपलून अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, चिपलून, महाराष्ट्र (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'अग्रिमों का प्रबंधन' और 'जमा खातों का रखरखाव' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने बुलेट पुनर्भुगतान योजना के अंतर्गत विनियामक सीमा से अधिक स्वर्ण ऋण स्वीकृत किए और बचत बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने के लिए वास्तविक कमी के अनुपात के बजाय निश्चित दर पर दंडात्मक प्रभार लगाया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/767 |