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भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, देहारादून, उत्तराखंड पर मौद्रिक दंड लगाया

16 जनवरी 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, देहारादून, उत्तराखंड
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 जनवरी 2023 के आदेश द्वारा, डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, देहारादून, उत्तराखंड (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

दिनांक 31 मार्च 2021 तक की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह भी पता चला कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है, क्योंकि बैंक ने उन व्यक्तियों को अरक्षित ऋणों/अग्रिमों की मंजूरी दी, जिसमें बैंक के निदेशकगण गारंटीकर्ता थे। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उपर्युक्त सांविधिक प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के अनुसार किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 20 के प्रावधानों के उल्लंघन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1554

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