भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, महबूबनगर, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, महबूबनगर, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा दि डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रलबैंक लिमिटेड, महबूबनगर, तेलंगाना (बैंक) पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा जारी 'धोखाधड़ी - धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए दिशानिर्देश' के साथ पठित 'धोखाधड़ी की समीक्षा - निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली पर दिशानिर्देश' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹10,000/- (दस हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47- ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने निर्धारित समय-सीमा के भीतर नाबार्ड को धोखाधड़ी के मामलों की सूचना नहीं दी थी। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उपर्युक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि नाबार्ड के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1432 |