RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

80345538

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गांधीधाम, जिला कच्छ (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया

17 अक्तूबर 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गांधीधाम,
जिला कच्छ (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 13 अक्तूबर 2022 के आदेश द्वारा, दि गांधीधाम मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गांधीधाम, जिला कच्छ (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिसमें उनके हित निहित हों, को ऋण और अग्रिम' तथा ‘निदेशकों आदि को ऋण एवं अग्रिम-प्रतिभू/गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण’, संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए 50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट तथा सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि बैंक ने एक ऋण, जिसमें उसके निदेशक के रिश्तेदार के हित निहित थे, तथा एक ऋण, जिसमें उसके निदेशक के रिश्तेदार प्रतिभू/गारंटीकर्ता थे, को स्वीकृत किया जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1053

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?