भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हिंदुस्तान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हिंदुस्तान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा दि हिंदुस्तान को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध-यूसीबी’, ‘एकल और समूह उधारकर्ताओं/ पक्षों और बड़े एक्सपोज़र पर सीमाएं-यूसीबी’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹4.00 लाख (चार लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक ने (i) नाममात्र सदस्यों को निर्धारित विनियामक सीमा से अधिक ऋण स्वीकृत किया (ii) एकल उधारकर्ता ऋण सीमा के अनुपालन में विफल रहा; और (iii) अपने ग्राहकों को एकाधिक विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड आवंटित किए। यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/820 |