भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 24 जून 2024 के आदेश द्वारा दि हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘बैंकों के क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और रुपया में मूल्यवर्गित को-ब्रांडेड प्रीपेड कार्ड परिचालन’ संबंधी कतिपय निदेशों, जिसका पुनः उल्लेख ‘भारतीय रिज़र्व बैंक (क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड – निर्गमन और आचार) निदेश, 2022’ में किया गया है, के अननुपालन के लिए ₹29.60 लाख (उनतीस लाख साठ हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) के साथ पठित धारा 47ए(1) (सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन हेतु सांविधिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों के परीक्षण के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने अन्य बातों के साथ-साथ यह पाया कि निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि कतिपय क्रेडिट कार्ड खातों में न्यूनतम भुगतान देय की गणना करते समय कोई ऋणात्मक परिशोधन नहीं था। यह कार्रवाई सांविधिक एवं विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/580 |